Crpc 91
crpc 125 के केस मे मेरे द्वारा एक आपत्ति पत्र दिया गया की शिकायतकरता ने न्यायालय को रजनीश vs नेहा के एफिडेविट के अनुसार अपनी समस्त जानकारी नहीं दी उसने अपनी एजुकेशन और बैंक सैटमेंट की जानकारी न्यायालय से छिपाई है जिसे शिकायतकर्ता ने न्यायालय के समक्ष खड़े होकर कहा की उसके पास कोई बैंक अकाउंट नहीं है उसके बाद मेने अगली तारीख पर शिकायतकर्ता के तीन बैंक अकाउंट की डिटेल्स व अकाउंट नंबर दे दिए जिसके बाद शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया की उसके दो बैंक अकाउंट उसने बंद कर दिए है और फिलहाल उसका एक ही बैंक अकाउंट चालू है पर वो अपनी निजी जानकारी कोर्ट मे नहीं दे सकती, फिर बाद मे मेरे द्वारा crpc 91 की एक एप्लीकेशन दी गयी जिसमे तीन साल के बैंक अकाउंट की जानकारी कोर्ट के माध्यम से मांगी गयी जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया
कृपया बातये की सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दी गयी रजनीश vs नेहा की लैंडमार्क जजमेंट की पालना नहीं हुई जिसमे साफ साफ लिखा है की 3 साल का बैंक स्टेटमेंट देना है अब आगे इसके लिये magistrate के ऊपर क्या कार्यवाही कर सकते है