कोर्ट द्वारा आईपीसी 467,468,471 पर प्रश्न
एक हिंदू फेमिली पुत्र(विल गृहिता)/आरोपी ने पिता से एक रजिस्टर्ड वसीयत(अवैध) द्वारा अपने एक अन्य भाई(B) और मां(पिता से पूर्व निर्वसियती मृत)(M) की रजिस्टर्ड विक्रयपत्र से खरीदी हुई पृथक पृथक संपत्तियां अपने नाम लिखा लीं जो राजस्व रिकार्ड में भी भाई और मां के नाम दर्ज थीं, जबकि इन संपत्तियों का स्वत्व/टाइटल वसीयत कर्ता पिता का नहीं था, स्पष्ट टाइटल होल्डर B और M थे, जिस पर आरोपी ने नगरपालिका से गुपचुप नामांतरण करा लिया अन्य भाइयों की आपत्ति पर कलेक्टर ने
1. नामांतरण शून्य करने के साथ पूर्ववत नाम अन्य भाई B और मां M के नाम करने का आदेश दिया,
2. आरोपी पर संपत्ति हड़पने की एफआईआर का निर्देश दिया.
3. म्युनिसिपल CMO पर विभागीय कार्यवाही का निर्देश दिया
गृहीता ने नगरीय प्रशासन प्रदेश सचिव फिर हाई कोर्ट में कलेक्टर आदेश के खिलाफ अपीलें की जो दोनों जगह खारिज हो गई, पुलिस ने अवैध वसीयत के आधार पर 120B,420, 467,468,471 में एफआईआर दर्ज की, कोर्ट में मामला अंतिम चरण(मुलजिम बयान) में है एडीजे ने मौखिक रूप से कहा है कि इसमें 467,468,471 लागू नहीं होगी सिवाय 420 के
क्या ये सही है ?
क्या कोई सायटेशन जिसमें 467,468,471 की पुष्टि हो उपलब्ध करा सकते हैं?