Shambhupura

श्रीमान जी हमारे पास सन 2009 में 100 रुपये के स्टाम्प पर लिखवा कर 1 जमीन को 97000 रुपये में पिताजी द्वारा खरीद लिया जिसमे यह लिखा गया कि रजिस्ट्री हमारे पिताजी के कहने से बाद में करवा दी जाएगी । जिस पार्टी से पिताजी ने लिखा पढ़ी करी उसने वह पूरी कॉलोनी काटी थी वह मालिक नही था पर पावर ऑफ अटॉर्नी उसके नाम थी । अब हमें पता चला कि साल 2016 में हमारे चाचा ने असली मालिक से मिलकर स्वयम के नाम पर रजिस्ट्री करवा ली है । अब क्या करे